tag:blogger.com,1999:blog-2197348528946896159.post3996367240428156354..comments2017-10-23T07:09:47.954-07:00Comments on मेरी कहानी : प्रज्ञा पांडेयhttp://www.blogger.com/profile/03650185899194059577noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2197348528946896159.post-14755990092942529572016-09-19T23:18:45.117-07:002016-09-19T23:18:45.117-07:00अत्यन्त मार्मिक कहानी। जिन्हें गरीब अनपढ़ गँवार कहा...अत्यन्त मार्मिक कहानी। जिन्हें गरीब अनपढ़ गँवार कहा जाता है, जो चालक लोगों के द्वारा नित्य शोषित होते है, उनकी लज्जा भी प्रहसन का विषय बन जाती है, जो उनके लिए मृत्युकारक है। हिन्दी में लिखी गयी और बीच बीच में भोजपुरी के संवादों से सँवरी प्रज्ञा पांडेय की यह कहानी हास्यबोध से प्रारंभ हो करुणा के अतल तल में हमें ले जाती है। इसमें शोषित भोलानाथ नहीं समूचा समाज नंगा दिखाई देता है। हार्दिक साधुवाद प्रज्ञा जी आपकी इस बहुत बढ़िया कहानी के लिए। मुझे प्रेमचंद और रेणु याद आ गए।सुधाकर अदीब https://www.blogger.com/profile/06717441364320808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2197348528946896159.post-59823963529908702182016-09-19T23:17:55.061-07:002016-09-19T23:17:55.061-07:00अत्यन्त मार्मिक कहानी। जिन्हें गरीब अनपढ़ गँवार कहा...अत्यन्त मार्मिक कहानी। जिन्हें गरीब अनपढ़ गँवार कहा जाता है, जो चालक लोगों के द्वारा नित्य शोषित होते है, उनकी लज्जा भी प्रहसन का विषय बन जाती है, जो उनके लिए मृत्युकारक है। हिन्दी में लिखी गयी और बीच बीच में भोजपुरी के संवादों से सँवरी प्रज्ञा पांडेय की यह कहानी हास्यबोध से प्रारंभ हो करुणा के अतल तल में हमें ले जाती है। इसमें शोषित भोलानाथ नहीं समूचा समाज नंगा दिखाई देता है। हार्दिक साधुवाद प्रज्ञा जी आपकी इस बहुत बढ़िया कहानी के लिए। मुझे प्रेमचंद और रेणु याद आ गए।सुधाकर अदीब https://www.blogger.com/profile/06717441364320808324noreply@blogger.com